Wednesday 2 November 2011

शिक्षा अधिकार अधिनियम का बनेगा डाटाबेस

अधिनियम की अनदेखी करने वाले स्कूलों पर गिरेगी गाज, स्कूल वाइज सभी जानकारियां होंगी 
अब उन निजी स्कूलों की पोल खुलेगी, जो शिक्षा अधिकार अधिनियम की अनदेखी कर रहे हैं और सरकारी आदेशों के बावजूद आर्थिक रूप से कमजोर तबके के बच्चों को या तो एडमिशन नहीं दे रहे है या फीस माफ नहीं कर रहे हैं। अब ऐसा करने वालों के नाम जल्द ही सबके सामने होंगे। सरकार ने ऐसा डाटा बेस तैयार करने की योजना बनाई है जिसमें स्कूल वाइज पूरी जानकारी होगी। इस डाटा से सरकार भी स्कूलों पर नजर रख सकेगी। 
ये आएंगे दायरे में 
स्कूलों पर नजर रखने के लिए सरकार द्वारा डिस्ट्रिक्ट इंफॉरमेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन(डाइस) के नाम से डाटा बेस तैयार किया जाएगा, जिसमें सभी सरकारी, गैर सरकारी, केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, सीबीएसई, आईसीएसई और अन्य बोर्ड या अन्य मान्यता प्राप्त एजेंसी से मान्यता प्राप्त स्कूलों में विद्यार्थियों, शिक्षकों को दी जा रही सभी सुविधाओं संबंधी जानकारी देनी होंगी। गैर सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से आठवीं तक के सभी स्कूल इसमें शामिल होंगे। यदि कोई स्कूल निर्धारित समय सीमा में डाइस संबंधी जानकारी अधिकारी को उपलब्ध नहीं कराता है, तो माना जाएगा कि वह स्कूल अधिनियम के प्रावधानों को पालन नहीं कर रहा है और उस स्थिति में उस स्कूल पर नियमों के तहत आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। 
डाटा बेस का फायदा 
सरकार द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू करने के बावजूद अभी भी यह शिकायतें मिल रही हैं कि निजी स्कूल इस का पालन नहीं कर रहे हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार द्वारा यह कदम उठाया जा रहा है। डाटा बेस के आधार पर सरकार राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा का अधिकार कार्यक्रम के क्रियान्वयन की स्थिति का मूल्यांकन कर सकेगी और सुधारात्मक कदम उठा सकेगी।

स्कूलों को भिजवा दिया है पत्र

॥सर्व शिक्षा अभियान राज्य परियोजना निदेशक की तरफ से जारी किया हुआ यह पत्र हमें मिल चुका है और हमने जिले के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों को यह पत्र भेज कर उनसे इस संबंध में जानकारी मांगी है। अगर कोई स्कूल इस संबंध में जानकारी उपलब्ध नहीं कराता है, तो उसके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। मित्रसेन मल्होत्रा, जिला शिक्षा अधिकारी 

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