Tuesday 24 May 2011

कॉलेज शिक्षक भी करा सकेंगे पीएचडी

शिव कुमार, रोहतक अब कॉलेज शिक्षक भी पीएचडी करने वाले विद्यार्थियों के सुपरवाइजर बन सकेंगे। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय ने पीएचडी के रजिस्ट्रेशन में इसका प्रावधान रखा है। पीएचडी कराने के लिए सुपरवाइजर बनने के लिए प्राध्यापकों के पास पीएचडी के बाद तीन साल का स्नातकोत्तर कक्षाओं में अध्यापन का अनुभव या छह साल स्नातक कक्षाओं को पढ़ाने का अनुभव होना चाहिए। दूरस्थ शिक्षा के कोर्सो (डिस्टेंस एजूकेशन) को पढ़ाने के अनुभव को अध्यापन अनुभव में शामिल नहीं किया जाएगा। कॉलेजों के प्राध्यापक को सुपरवाइजर बनाने के बाद संबंधित विभागाध्यक्ष एक जांच कमेटी नियुक्त करेगा, जो कॉलेज में रिसर्च संबंधी सुविधाओं का निरीक्षण करेगी। जिस विषय में पीएचडी के दौरान लैब आदि की जरूरत है और कॉलेज में यह सुविधा नहीं है तो शिक्षक को-सुपरवाइजर लगाए जा सकते हैं। इस प्रस्ताव को जल्द ही मदवि की शैक्षणिक परिषद की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। मदवि में शैक्षणिक मामलों के अधिष्ठाता प्रो. सुरेंद्र कुमार ने बताया कि पीएचडी आर्डिनेंस में संशोधन किया जा रहा है। कॉलेज प्राध्यापकों को सुपरवाइजर बनाने का भी विकल्प रखा गया है।
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