Thursday 4 August 2011

ओबीसी आरक्षण के मानक पर फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो : जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विवि एवं अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ओबीसी छात्रों के प्रवेश के मानक तय करने पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। न्यायमूर्ति आरवी रवींद्रन की अध्यक्षता वाली पीठ ने मद्रास आइआइटी के पूर्व निदेशक प्रोफेसर पीवी इंद्रेशन की याचिका पर सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। हालांकि पीठ ने पक्षकारों से कहा है कि जिन्हें लिखित दलीलें देनी हैं, वे गुरुवार तक उन्हें दाखिल कर दें। प्रोफेसर इंद्रेशन की याचिका में कोर्ट से ओबीसी के प्रवेश के मानक स्पष्ट करने का अनुरोध किया गया है। अब सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि केंद्रीय विवि में प्रवेश में ओबीसी छात्रों को कट ऑफ अंक से दस अंक कम पर प्रवेश दिया जाएगा या फिर उन्हें सामान्य वर्ग के लिए निश्चित पात्रता अंकों से दस अंक कम पर प्रवेश मिलेगा। प्रोफेसर इंद्रेशन की ओर से दलील दी गई थी कि ओबीसी छात्रों को कट ऑफ अंक से दस अंक कम पर प्रवेश मिलना चाहिए यानि सामान्य वर्ग में प्रवेश पाने वाले अंतिम छात्र के कट ऑफ अंक से दस अंक कम पर। गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती सरकार (नई दिल्ली) : गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में शिक्षा का अधिकार कानून लागू करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। मुख्य न्यायाधीश एसएच कपाडि़या, न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की पीठ ने गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में शिक्षा का अधिकार कानून लागू करने और 25 फीसदी सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित रखने के कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बहस सुन कर फैसला सुरक्षित रख लिया।
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