अनुपम सिंह. बिलासपुर
कोई आपसे किसी संख्या को शून्य से भाग देने के लिए कहे, तो लगेगा मानो आसमान से तारे तोडऩे के लिए कह दिया हो। बड़े से बड़े गणितज्ञ हार गए, लेकिन वे यह तरीका नहीं ढूंढ़ सके। कैलकुलेटर और कंप्यूटर तक मात खा गए। बिलासपुर (छत्तीसगढ़) के 11वीं के छात्र अंकुर तिवारी न सिर्फ शून्य से भाग के रहस्य को सुलझा लिया है, बल्कि इस पर एक किताब भी लिखी है। और आखिर ऐसा हो भी क्यों न। क्योंकि दुनिया को जीरो देने वाला भी तो भारतीय ही था। ‘शून्य का रहस्य’ नामक किताब में अंकुर ने भाग के रहस्य को विस्तार से समझाया है। अंकुर की इस सफलता की सीबीएसई ने सराहना की है। वहीं अमेरिकी एम्बेसी ने स्कॉलरशिप की पेशकश की है। मां मधु तिवारी व पिता सहायक कृषि विस्तार अधिकारी मोहन मुरारी तिवारी अंकुर की सफलता से बेहद खुश हैं। अंकुर को गणित हल करना, गणित की पुरानी कृतियों को पढऩा पसंद है। वह आगे चलकर देश का राष्ट्रपति बनना चाहता है।