नई दिल्ली, जासं: सरकार से रियायती दर पर जमीन लेने वाले स्कूलों में सिर्फ एंट्री लेवल यानी नर्सरी में ही गरीब बच्चों को मुफ्त कोटा से दाखिला दिए जाने के संबंध में जारी अधिसूचना को रद करने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार व डीडीए (दिल्ली विकास प्राधिकरण) को नोटिस जारी कर अगस्त के आखिरी सप्ताह तक जवाब मांगा है। दरअसल 25 जनवरी 2007 को शिक्षा निदेशालय ने सरकार से रियायती दर पर जमीन लेने वाले स्कूलों को निर्देश दिया था कि वह सभी कक्षाओं में गरीब बच्चों को बीस प्रतिशत कोटा प्रदान करें। जिसमें बच्चों को मुफ्त में दाखिला दिया जाए। पर इस साल जनवरी में जारी अधिसूचना में निदेशालय ने कहा है कि सिर्फ नर्सरी में दाखिले के समय ही इस कोटे के तहत दाखिला दिया जाए।इसी अधिसूचना को आधार बनाते हुए बाल भारती पब्लिक स्कूल ने दो गरीब बच्चों को पहली व तीसरी कक्षा में इस कोटे के तहत दाखिला देने से मना कर दिया। अब इन बच्चों ने अधिवक्ता अशोक अग्रवाल के जरिये दायर याचिका में मांग की है कि स्कूल को उनको दाखिला देने का निर्देश दिया जाए। साथ ही निदेशालय के वर्ष 2011 की अधिसूचना के उस हिस्से को रद किया जाए जो पुरानी अधिसूचना की विरोधाभासी है।