Monday 5 December 2011

अब फरलो नहीं मार सकेंगे शिक्षक

सिवानीमंडी, संवाद सहयोगी : अब शिक्षकों को समय पर स्कूल पहुंचना होगा और छुट्टी के बाद ही घर वापस जाना होगा। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों पर नजर रखने के लिए शिक्षा विभाग ने बायोमीट्रिक मशीन लगाई जा रही है। बायोमीट्रिक मशीन शिक्षकों को समय पर हाजरी लगाने के लिए बाध्य करेगी। ये बात अलग है कि वो स्कूल समय में अपने कोई काम करके स्कूल में लौट सकते है लेकिन अब उनका समय पर आना बायोमीट्रिक ने सुनिश्चित कर दिया है। शहर के दोनों बड़े सरकारी स्कूलों में लगी इन बायोमीट्रिक मशीनों ने एक दिसंबर से काम करना शुरू कर दिया है। पहले दिन कन्या स्कूल में एक शिक्षिका को इसमें दिक्कत आई, क्योंकि मशीन सही निशान नहीं ले पाई क्योंकि मशीन में शिक्षक को अंगूठा लगाना होता है। जानकारी के अनुसार शहर राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक व वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल दोनों में बायोमीट्रिक मशीन लगा दी गई जो कि प्रधानाचार्य के कार्यालय में लगाई गई है। स्कूल में आने वाले सभी शिक्षकों को इसके लिए अपना पासवर्ड दिया गया है जो कि आते ही अपना अंगूठा लगाकर बाद में दूसरे सरकारी रजिस्टर में दस्तक करेंगे और इसी प्रकार स्कूल की छुट्टी होने के बाद भी जाते समय भी इसी प्रक्रिया से गुजरना होगा। मशीन समय से पहले भी अंगूठे का निशान ले लेगी मगर इस कारण कर्मचारी का वेतन कटने का भय बना रहेगा। एक दिसंबर से नगर के दोनों सरकारी स्कूलों में बायोमीट्रिक लगने से स्कूलों कार्यरत शिक्षकों के पांव वापस स्कूल में खिंचने लगे है जबकि होता ऐसा था कि लगभग टीचर कम से कम 10-15 मिनट पहले कई बार स्कूल से निकल जाते थे। अब तो स्कूलों में बायोमीट्रिक चौकीदार का काम करेगी कि स्कूल का कौन कर्मचारी किस टाइम आया और किस टाइम गया इसके बाद भी मासिक वेतन बनेगा। बायोमीट्रिक लगने से कई शिक्षकों की जान आफत में आ गई तो समय पर नहीं आते थे और समय से पहले ही चले जाते थे। ये कहना है प्रधानाचार्य का राजकीय कन्या स्कूल के प्रधानाचार्य धूप सिंह श्योराण ने बताया कि स्कूलों में शिक्षा विभाग द्वारा लगाई गई बायोमीट्रिक मशीन एक सराहनीय कदम है और वैसे तो सभी अध्यापक व अध्यापिकाएं समय पर आती है लेकिन फिर भी अगर किसी का मन देरी से जाने को करता है तो उसकी छुट्टियां कट जाएगी। उन्होंने माना कि इससे काफी सुधार होगा और जो कर्मचारी फरलो के चक्कर में रह जात है वो अब ऐसा करने से वचित जरूर होंगे। उन्होंने बताया कि पहले दिन उनके स्कूल की विज्ञान शिक्षिका ने अपने अंगूठे का निशान दिया था मगर उसके बाद भी मशीन ने ठीक नहीं बताया यानी कि तीन अंगुठे के निशान तो ध्यान से मशीन पर लगाना होगा।
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