Friday, 16 September 2011

प्रदेश में अध्यापकों की कमी फिर भी मिल रही डेपुटेशन

चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : प्रदेश में शिक्षकों की भारी कमी के बावजूद करीब चार हजार शिक्षकों को डेपुटेशन (प्रतिनियुक्ति) मिली हुई है। विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से इन शिक्षकों ने कई तरह के बहाने बनाकर प्रतिनियुक्तियां हासिल कर रखी हैं। सैकड़ों प्रतिनियुक्तियां ऐसी हैं, जिसमें शिक्षक गैर शैक्षणिक कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के दिसंबर 2010 में प्रतिनियुक्तियों पर रोक संबंधी आदेशों के बाद शिक्षकों ने खुद व परिवार के सदस्यों की बीमारियों के बहाने बनाकर यह प्रति नियुक्तियां हासिल की हैं। सार्वजनिक मंचों पर गैर शैक्षणिक कार्य लिए जाने का विरोध करने वाले इन शिक्षकों ने खुद आगे होकर प्रतिनियुक्तियां हासिल की हैं। हरियाणा प्राथमिक राजकीय अध्यापक संघ के सचिव दीपक गोस्वामी ने शिक्षामंत्री को भेजी शिकायत में विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहे गोरखधंधे का खुलासा किया है। मंत्री को बताया गया कि काफी प्रतिनियुक्तियां अंतर जिला हैं। राज्य के अधिकतर बीइओ और डीपीइओ कार्यालयों में भी ये शिक्षक प्रतिनियुक्तियों पर चल रहे हैं। शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के नेतृत्व वाली विभागीय ग्रीवेंसिज कमेटी की बैठक में मुद्दा उठा तो उन्होंने जल्द ही प्रतिनियुक्तियों पर रोक लगाने का आदेश देने का भरोसा दिलाया है। बैठक में पिछले माह खुलासा किया गया कि विभागीय अधिकारियों ने सुविधा के लिए डेपुटेशन को अंतरिम व्यवस्था का नाम दे दिया है। शिक्षा मंत्री ने शिक्षक नेताओं के उस सुझाव को भी गंभीरता से लेने का भरोसा दिलाया है, जिसमें छात्रों की संख्या के आधार पर प्रतिनियुक्तियों की व्यवस्था किए जाने की बात कही है।
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